महाशिवरात्रि का पावन पर्व
इस बार महाशिव रात्रि सोमवार को है और ये दिन शिव को बहुत पसंद है . बहुत ही शुभ दिन है यह और इस दिन शिव के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हो जाना सर्वोतम सुख है. फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को महा शिवरात्रि की संज्ञा दी गयी है।
इशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को कल्प के आरंभ में सृस्तिकर्ता बरम्हा को सृस्ती निर्माण का अभिमान हो जाने के कारन जब भगवन विष्णु से उनका विवाद निश्चित हो गया तो भगवन शिव सूर्य के सामान तेज लेकर लिंग के रूप में प्रकट हुए ।
इस बार महाशिव रात्रि सोमवार को है और ये दिन शिव को बहुत पसंद है . बहुत ही शुभ दिन है यह और इस दिन शिव के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हो जाना सर्वोतम सुख है. फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को महा शिवरात्रि की संज्ञा दी गयी है।
इशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को कल्प के आरंभ में सृस्तिकर्ता बरम्हा को सृस्ती निर्माण का अभिमान हो जाने के कारन जब भगवन विष्णु से उनका विवाद निश्चित हो गया तो भगवन शिव सूर्य के सामान तेज लेकर लिंग के रूप में प्रकट हुए ।
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