मन
मन एक आकाश है
जहाँ तारे हैं, सूरज है और चाँद भी
एक चंचलता है
आजादी उड़ने की है और स्थिरता भी
एक आवाज है
अपनी और प्रकृति की भी
काश!
कि खो जाते मन में
हो जाते मन के
छुट जाती चिंताएं
भूल जाती इच्छाएं
बस होता
एक उन्मुक्त गगन
एक खाली मन
और होती हमारी ऊँची उड़ान
मन से मन तक .
3 टिप्पणियां:
man se man ki udan badi acchi hoti hai
बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर (हरिवंश राय बच्चन) आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
बहुत रोचक और सुंदर प्रस्तुति.। मेरे नए पोस्ट पर (हरिवंश राय बच्चन) आपका स्वागत है । धन्यवाद ।
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