anubhuti
शुक्रवार, 14 सितंबर 2012
सोमवार, 30 अप्रैल 2012
रविवार, 26 फ़रवरी 2012
रविवार, 19 फ़रवरी 2012
महाशिवरात्रि का पावन पर्व
इस बार महाशिव रात्रि सोमवार को है और ये दिन शिव को बहुत पसंद है . बहुत ही शुभ दिन है यह और इस दिन शिव के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हो जाना सर्वोतम सुख है. फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को महा शिवरात्रि की संज्ञा दी गयी है।
इशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को कल्प के आरंभ में सृस्तिकर्ता बरम्हा को सृस्ती निर्माण का अभिमान हो जाने के कारन जब भगवन विष्णु से उनका विवाद निश्चित हो गया तो भगवन शिव सूर्य के सामान तेज लेकर लिंग के रूप में प्रकट हुए ।
इस बार महाशिव रात्रि सोमवार को है और ये दिन शिव को बहुत पसंद है . बहुत ही शुभ दिन है यह और इस दिन शिव के प्रति पूर्ण रूप से समर्पित हो जाना सर्वोतम सुख है. फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को महा शिवरात्रि की संज्ञा दी गयी है।
इशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दसी की रात्रि को कल्प के आरंभ में सृस्तिकर्ता बरम्हा को सृस्ती निर्माण का अभिमान हो जाने के कारन जब भगवन विष्णु से उनका विवाद निश्चित हो गया तो भगवन शिव सूर्य के सामान तेज लेकर लिंग के रूप में प्रकट हुए ।
रविवार, 30 अक्तूबर 2011
surya shashti vrata
पवित्र व्रत सूर्य षष्ठी
आस्था के समुन्दर में डुबकी लगाते ही हमारा मन पवित्र हो जाता है. आज से बिहार और उत्तरप्रदेश का सबसे आस्थावान व्रत छठ शुरू हो चूका है . नहाय-खाय या फिर कद्दू-भात खाने से आरम्भ होने वाला ये व्रत काफी कठिन होता है. व्रती आज स्नान कर पवित्र होकर प्रथम आहार के रूप में कद्दू-भात खाती हैं . अगले दिन खरना होता है जिसमे रसिया जो गुड और चावल से बनता है उसे दिन भर निर्जला रह रात में खाती है. उसके अगले दिन भी निर्जला रह शाम को भगवन भाष्कर को अर्घ्य देती हैं पुनः अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं और तब प्रसाद से पारण करती हैं. इस तरह यह तीन दिनों के उपवास वाला कस्तपूर्ण व्रत पूर्ण होता है.
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